गूगल 3 मिनट में ऐसा क्या कर सकता है जो बाकी 10000 साल में भी नहीं कर सकते?


गूगल ने विश्व मे पहली बार अपने बनाये गए क्वांटम कंप्यूटर द्वारा क्वांटम प्रभुत्व (Quantum supremacy) स्थापित कर दिया है।
क्वांटम प्रभुत्व (quantum supremacy) क्या है?
इसे जानने से पहले आपको यह जानना चाहिए कि क्वांटम कंप्यूटर क्या होते है। अभी हम जिन कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं उन्हें हम क्लासिकल कंप्यूटर कहते हैं क्योंकि ये क्लासिकल फिजिक्स के सिद्धांतों पर काम करते हैं।
कंप्यूटर वैसे तो जटिल यांत्रिकी विषय है। एक मदरबोर्ड को देखने पर आप सोचने लगेंगे की क्या कैसे काम करता है? पर एकदम मौलिक स्तर पर कंप्यूटर जान सूचनाओं को हैंडल करता है तो उसमें 1 और 0 का प्रयोग होता है। 1 का मतलब कुछ है और 0 का मतलब नही है। इन दोनों से ही मिल कर बाइनरी सिस्टम बनता है।
हमारे हाथ का छोटा कंप्यूटर हो या घर पे बाद कंप्यूटर या न्युक्लियर लैब में स्थित बड़े से बड़ा सुपरकंप्यूटर इस 0 और 1 के सिद्धांत पर काम करता है।
चित्र : गूगल का क्वांटम कंप्यूटर
क्वांटम कंप्यूटर इससे अलग होते हैं। क्वांटम कंप्यूटर में 0 और 1 के बीच मे भी कुछ होना संभव है। हो सकता है कि '1' 50% और '0 50% हो। ये प्रतिशत कम ज्यादा भी हो सकता है। इस अवस्था को सुपरपोज़िशन कहते हैं। क्वांटम कंप्यूटर इसी कारण क्लासिकल कंप्यूटर से भिन्न होते है। ये superposition की अवस्था क्वांटम कंप्यूटर को बहुत जटिल गणनाएं बहुत तेज़ी से करने में सहायक है।
क्वांटम प्रभुत्व :
ऐसी जटिल गणना जिसे क्वांटम कंप्यूटर कुछ समय मे ही कर दे और एक क्लासिकल सुपरकंप्यूटर को करने में सालों लग जाये तो हम कह सकते हैं कि क्वांटम प्रभुत्व स्थापित हो गया है।
ऐसा ही हुआ गूगल के sycamore क्वांटम प्रोसेसर के साथ। प्रतिष्ठित रिसर्च जर्नल नेचर में प्रकाशित एक रिसर्च पेपर "Quantum supremacy using a programmable superconducting processor" में ये दावा किया है कि उनका बनाया क्वांटम कंप्यूटर ने यह प्रभुत्व हासिल कर लिया है।
चित्र : गूगल का sycamore क्वांटम प्रोसेसर
रिसर्च पेपर में इस नए कंप्यूटर की तुलना जर्मनी में स्थित Jülich supercomputer से की गई। इस सुपरकंप्यूटर के 100,000 core और 250 टेराबाइट मेमोरी है। जिस गणना को गूगल के क्वांटम कंप्यूटर ने 3 मिनट 20 सेकंड में कर लिया वहीं इस सुपरकंप्यूटर को 10000 साल से भी अधिक समय लग जाता। 
गूगल ने अपनी इस उपलब्धि की तुलना राइट ब्रदर्स की उस पहली उड़ान से की जिसमें मानव सभ्यता पहली बार सफलतापूर्वक उड़ान भरी थी। ऐसा इसलिए कि आज के सुपर कंप्यूटर आरंभिक अवस्था मे ही हैं। आने वाले समय मे ये और एडवांस होंगे और क्वांटम की दुनिया मे जेट स्पीड से काम करेंगे।
संपूर्ण मानव सभ्यता के लिए यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। क्वांटम कंप्यूटर भविष्य में उन क्षेत्रों में अनुसंधान में मदद करेगा जहाँ सामान्य सुपरकंप्यूटर असक्षम है।

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