DG सेट चलते चलते बंद हो जाये,क्या करे?
There are all type electrical equipment like transformer, DG set, Motor, Circuit breaker, HVAC, UPS, Inverter etc. working, safety and use.
DG सेट चलते चलते बंद हो जाये,क्या करे? | DG set stop suddenly
क्या कभी विद्युत तरंगों को भी बिना तार के एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजकर बिजली प्राप्त करना संभव होगा?
निकोला टेसला ने ये १९०१ के पहले ही दुनिया को बता दिया था की आप इलेक्ट्रिसिटी को एक स्थान से दूसरे स्थान तक बिना तार के भेज सकते है।
वो एक टावर बना रहे थे जिससे शहर के सभी लोगों को बिना तार के बिजली मिल सके। लेकिन उस समय के जो लोग जिन लोगों ने अपने पैसे इस प्रोजेक्ट में लगाए थे वो फ़्री में बिजली देना नहीं चाहते थे तो उन लोगों ने ये प्रोजेक्ट पूरा नहीं होने दिया और हमने ये एक एंजिनीरिंग की मिसाल खो दी।
अब क़रीब १०० साल बाद हम लोग बहुत ही छोटी मात्रा में बिजली की ट्रान्स्फ़र कर पाए है जिसे हम wireless मोबाइल चार्जर में उपयोग कर रहे है।
बिजली की तार में हाई वोल्टेज करंट होने के बाद भी वह पिघलती क्यों नहीं है, जबकि वह आग से भी ज्यादा खतरनाक है?
कोई भी तार धातु का बना होता है, और प्रत्येक धातु का एक गलनांक होता है, मतलब उतने तापमान पर वो पिघलने लगेगा या तकनीकी भाषा में कहा जाए तो वह तापमान जिस पर वह ठोस अवस्था से तरल में बदलता है, उसका गलनांक कहलाता है।
आइए पहले देखते हैं कि कुछ धातुएं जिन्हें बिजली के तार बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, उनका गलनांक कितना होता है→
- तांबा→ 1085℃
- एल्युमीनियम→ 660.3℃
- लोहा→ 1538℃
तो किसी भी तार में सामान्यतः इतना करंट कभी भी नहीं होता कि वो उपरोक्त तापमान तक गर्म हो। कभी-कभी शार्ट-सर्किट या अर्थ फ़ॉल्ट की वजह से फ़ॉल्ट करंट इस हद तक बढ़ सकता है कि तार के पिघलने लायक तापमान बढ़ सके, मगर ये क्षणिक होता है। ऐसी परिस्थिति में उस तापमान पर तार जहाँ सबसे कमजोर है, जैसे कि जोड़ इत्यादि पर, वहाँ से टूट कर अलग हो जाता है।
इसके अतिरिक्त और एक पैरामीटर है जो कि ध्यान में रखना जरूरी है, और वो है किसी भी धातु पर उसमें गुजरने वाले करंट का उष्मीय प्रभाव। यानि कि करंट जब किसी धातु के बने बिजली के तार में से गुजरता है तो कितनी गर्मी पैदा करता है।
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इसे मापने का फार्मूला कुछ इस प्रकार है→
H = I^2*R×t
जहाँ
H = उष्मीय प्रभाव
I = करंट
R = रसिस्टेंस
t = समय
उल्लेखनीय है कि इसी सिद्धांत का उपयोग करते हुए कॉइल वाले हीटर और प्रेस एवं गीजर के एलीमेंट बनाये बनाये जाते हैं। जिनमें विद्युत करंट के उष्मीय प्रभाव का उपयोग करते हुए गर्मी पैदा की जाती है। ऐसे कॉइल या एलीमेंट को बनाने के लिए जो मटेरियल इस्तेमाल किए जाते हैं वो हैं नाइक्रोम और मैंग्नीन ,जिनकी खासियत है हाई रेसिस्टिविटी और उच्च गलनांक।
हाई रेसिस्टिविटी का अर्थ है की ये पद्धार्थ करंट को आसानी से गुजरने नहीं देते हैं, जिसके चलते रेसिस्टेन्स लॉस बढ़ जाते हैं और गर्मी पैदा होती है। जबकि बिजली के तारों को बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले मटेरियल बहुत ही लो यानि कि कम रेसिस्टिव होते हैं, अतः यहाँ रेसिस्टिव लॉस भी एकदम नगण्य होते हैं और ज्यादा गर्मी पैदा नहीं होती, जिसके फलस्वरूप उनका तापमान इतना नहीं बढ़ता की वो पिघल जाएं।
सन्दर्भ के लिए कुछ पदार्थों की रेसिस्टिविटी यहाँ देखी जा सकती है→
- कॉपर: 1.68 × 10^ —8 ओम मीटर
- एल्युमीनियम: 2.65 × 10^ —8 ओम मीटर
- लोहा: 9.71 × 10^ —8 ओम मीटर
- नाइक्रोम: 100 × 10^ —8 ओम मीटर
- मैंग्नीन: 48.2 × 10^ —8 ओम मीटर
दूसरी बात इन तारों में जितनी अधिक वोल्टेज होगी, (हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइन) उतना ही करंट कम होगा, क्योंकि यदि सर्किट की पॉवर लगभग एक जैसी रहती है तो वोल्टेज बढ़ाने पर करंट कम हो जाएगा। ये चीज़ भी रेसिस्टेन्स लॉस को कम रखती है और बिजली के तारों में उन्हें पिघलाने लायक गर्मी पैदा नहीं होती।
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SI Unit and non SI with Symbal
SI DIVIDED UNITS |
|||
Quantity |
Unit Name |
Unit Symbol |
Expression in terms of SI base unit |
force |
newton |
N |
m kg s-2 |
energy |
joule |
J |
m2 kg s-2 |
power |
watt |
W |
m2 kg s-3 |
pressure, stress |
pascal |
Pa |
m-1 kg s-2 |
electric potential |
volt |
V |
m2 kg s-3 A-1 |
electric charge |
coulomb |
C |
s A |
electric flux |
coulomb |
C |
s A |
magentic flux |
weber |
Wb |
m2 kg s-2 A-1 |
magnetic flux density |
tesla |
T |
kg s-2 A-1 |
electric resistance |
ohm |
Ω |
m2 kg s-3 A-2 |
electric conductance |
siemens |
S |
m-2 kg-1 s3 A2 |
capacitance |
farad |
F |
m-2 kg-1 s4 A2 |
inductance |
henry |
H |
m2 kg s-2 A-2 |
Celsius temperature* |
degree Celsius |
oC |
K |
frequency |
hertz |
Hz |
s-1 |
luminous flux |
lumen |
Im |
cd sr |
activity (of a radionuclide) |
becquerel |
Bq |
s-1 |
absorbed dose |
grey |
Gy (=J/Kg) |
m2 s-2 |
dose equivalent |
sievert |
Sv (=J/Kg) |
m2 s-2 |
mass density |
kilogram per cubic metre |
kg/m3 |
m-3 kg |
moment of force |
newton metre |
N m |
m2 kg s-2 |
torque |
mewton metre |
N m |
m2 kg s-2 |
electric field strength |
volt per metre |
V/m |
m kg s-3 A-1 |
electrical displacement |
coulomb per square metre |
C/m2 |
m-2 s A |
magnetic field strength |
ampere per metre |
V/m |
m-1 A |
NON-SI UNIT |
|||
angle degree (1° = π/180 rad); minute (1’ = (1⁄60)°) |
|||
second (1” = (1⁄60)’); revolution (1 r = 2πrad) |
|||
energy calorie (cal); electronvolt (eV); watt-hour (W h) |
|||
length ångström (Å) |
|||
mass ton (ton); tonne (= metric ton) (t) |
|||
unified atomic mass unit (u) |
|||
pressure, stress
atmosphere (atm);
bar (bar); torr (Torr) |
|||
rotational frequency
revolution per minute (r/min)*, revolution per second (r/s)* |
|||
time minute (min); hour (h); day (d); year (a) |
|||
volume litre (L, l or litre) |
|||
*These are widely used for rotational frequency in
specifications of rotating machinery. |
|||
|