क्या वायु में भी विद्युत धारा प्रवाहित हो सकती है ?

एक गत्ते के बोर्ड मे एक पिन घुसाने औऱ एक चाकू घुसाने के अन्तर को उदाहरण मान सकते हैं। वायु एक बहुत अघिक सख्त बोर्ड, पिन को कम धारा औऱ चाकू को उच्च धारा मान सकते हैं।

अगर वायु में भी विद्युत धारा प्रवाहित होने लगे तो क्या हम जीवित रह पाएंगे? जवाब है नहीं। लेकिन हम जीवित हैं, इसका अर्थ है कि वायु से विद्युत धारा प्रवाहित नहीं हो सकती है। लेकिन क्या हो अगर  मैं कहूं कि वायु से भी विद्युत धारा प्रवाहित हो सकती है। आइए जानते हैं किन परिस्थितियों में वायु से विद्युत धारा प्रवाहित हो सकती है।

सामान्य स्थितियों में वायु से विद्युत धारा का प्रवाह संभव नहीं है क्योंकि वायु एक बहुत ही अच्छा कुचालक (insulator) है। परंतु सभी कुचालकों में विद्युत धारा का प्रवाह ना हो सकने की एक निश्चित सीमा होती है। अगर हम इस सीमा से आगे बढ़ जाते हैं तो कुचालक भी चालक बन जाता है। तकनीकी भाषा में इसे कुचालक का Breakdown होना कहते हैं। कुचालकों की इस सीमा अथवा क्षमता को Dielectric Strength के द्वारा व्यक्त किया जाता है। किसी कुचालक के Dielectric Strength का अर्थ यह है कि इकाई मुटाई के किसी कुचालक पर, बिना इसका Breakdown किए अधिकतम कितना वोल्टेज दिया जा सकता है। Dielectric Strength को हम सामान्यतः kV/mm (किलोवोल्ट प्रति मिलीमीटर) में मापते हैं। उदाहरण के लिए रबर का Dielectric Strength 30kV/mm होता है। इसका अर्थ है कि अगर हम 1 mm मुटाई का रबर लें तो अधिकतम 30kV अर्थात 30000 वोल्ट का वोल्टेज इस पर दिया जा सकता है। अगर हम इससे ज्यादा वोल्टेज दें तो यह चालक की तरह व्यवहार करने लगता है।

अब वायु की बात करते हैं। वायु के लिए Dielectric Strength का मान 3kV/mm होता है। अतः सामान्य स्थितियों में 1mm वायु की मुटाई के लिए अधिकतम 3000 वोल्ट हम दे सकते हैं। अगर हम इससे ज्यादा वोल्टेज देते हैं तो वायु से विद्युत धारा प्रवाहित होने लगती है। इसका कारण यह है कि एक सीमा से अधिक वोल्टेज देने पर उत्पन्न विद्युत क्षेत्र इतना अधिक तीव्र होता है कि वह वायु के उदासीन अणुओं से इलेक्ट्रॉनों को बाहर खींच लेता है और वायु आयनीकृत (ionized) हो जाती है। कुछ परिस्थितियां जिन पर वायु का Dielectric Strength निर्भर करता है, निम्न हैं

  • अगर वायु अत्यधिक आर्द्र हो तो इसका Dielectric strength कम हो जाता है।
  • अत्यधिक तूफानी तथा बरसात के समय भी वायु का Dielectric Strength कम हो जाता है।

वायु से विद्युत धारा प्रवाहित होने का सबसे अच्छा उदाहरण transmission lines में होने वाला corona effect है।

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